पलकों को खोलते ही मैं जिंदगी को देख मुस्काई
बढ़कर उमंग से मैंने गले लगाया कहा - जीने आई
संग अपने आशा, विश्वास और दिल से सुकामनाएं लाई
नन्हे की गीली आँखों में चमक भरने को स्नेहिल दिल लाई
सुप्रभात
15-11-2011
palkon ko kholte hi mai jindagi ko dekh muskai
badhkar umang se maine gale lagaya kaha - jeene aayi
sang apne asha, vishwas aur dil se sukamnayein layi
nanhe ki gili aankhon mein chamak bharne ko snehil dil laai
suprabhat
"नन्हे की गीली आँखों में चमक भरने को स्नेहिल दिल लाई "
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत।
सादर