Sunday 23 October, 2011

प्रभात 7


वो रात जो आंसुओं से सूख गयी,
जागे दर्द को रात को सुलाने सौंप दिया.
ये सुबह जो नव आशा से भीग गयी,
प्रार्थना की, तुम्हे दुआ का सवेरा दिया.
नव प्रभात शुभ हो!

September 20 at 10:36am

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